How to speak English fluently?

Virendra Singh
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धारा प्रवाह अंग्रेंज़ी बोलना कैसे सीखें?



हिंदी माध्यम के लोगों को शुद्ध(Correct) और धाराप्रवाह(Fluent) अंग्रेज़ी बोलने में परेशानी होती है। इसी को ध्यान में रखकर इस वेबसाइट पर धाराप्रवाह अंग्रेज़ी सिखाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि अंग्रेज़ी  भाषा के हर पहलू जैसे व्याकरण(Grammar), शब्द ज्ञान(Vocabulary),बातचीत (Conversation), उच्चारण(Pronunciation) और लेखन(Writing) etc. पर पर्याप्त जानकारी दी जाए। 




सबसे पहले हम बात करेंगे कि अंग्रेज़ी सीखने-बोलने के लिए क्या ज़रूरी है।अंग्रेज़ी  सीखने-बोलने के लिए हमें सबसे ज्यादा जरूरी इच्छाशक्ति(Will Power) का होना है। यदि आपमें इच्छाशक्ति है तो कोई भी काम असंभव नहीं है।  अंग्रेज़ी के लिए Grammar की जानकारी भी होनी चाहिए। बहुत से लोगों का मानना है कि Grammar की आवश्यकता नहीं है। उनके इस तर्क के पीछे वजह है कि पहले बच्चा बोलना सीखता है और बाद में लिखना। बच्चे जब बोलना सीखते हैं तो वे Grammar नहीं सीखते। यह सच है कि बच्चे ग्रामर नहीं सीखते। लेकिन यह सच अधूरा है क्योंकि जो बच्चे बचपन से अंग्रेज़ी या  हिंदी सीखते हैं तो उनके माता-पिता(Parents) ग़लत बोलने पर उन्हें टोकते हैं और सही क्या है वो बताते हैं। इसके साथ ही बच्चा दूसरों को सुन-सुनकर भी सीखता जाता है। इस प्रकार 4-5 साल का होते-होते बच्चा संबंधित भाषा को अच्छे से  बोलने लगता है। यही वजह है कि  बच्चा बिना व्याकण या Grammar सीखे ही भाषा को  बोलने लगता है। 

जहाँ तक उन लोगों का सवाल है जो अंग्रेज़ी सीखना चाहते हैं उनके सामना दो समस्याओं से होता है। 1- अंग्रेज़ी सीखने के वातावरण यानी माहौल(Environment) का न होना। 2- ग़लती को बताने और उसे सुधारने वाले का न होना।  

1- अंग्रेज़ी सीखने के वातावरण यानी माहौल(Environment) का न होना-  जो लोग अंग्रेज़ी सीखना चाहते हैं  लेकिन वे ऐसे माहौल में रहते हैं जहाँ लोग अंग्रेज़ी नहीं बोलते तो उनके लिए अँग्रेज़ी बोलना वाकई कठिन (Hard) होता है। भले ही Grammar और Vocabulary का ज्ञान बहुत अच्छा हो।

2-  ग़लती  सुधारने वाला न होना-  अंग्रेज़ी बोलते समय ग़लती होने की संभावना भी होती है। अंग्रेज़ी का जानकार तो आसानी से ग़लती के बारे में बता देगा लेकिन अगर कोई न हो तो दिक्कत होती है।  

जाहिर है कि देर से अंग्रेज़ी सीखने की शुरुआत करने वालों के लिए अंग्रेज़ी सीखना बच्चों का खेल नहीं है। इसलिए उन्हें Grammar भी सीखनी पड़ती है। बोलने का अभ्यास लगातार करना पड़ता है। Vocabulary सीखनी होगी। तब जाकर अंग्रेज़ी पर पकड़ बननी शुरु होती है।

Golden Tips:जब भी मौक़ा मिले अंग्रेज़ी में  बोलें। जितना अधिक हो अंग्रेज़ी में बोलने का अभ्यास करें। कस्टमर केयर सर्विस में फोन लगाकर अंग्रेज़ी में बात करें। छोटे-छोटे वाक्यों  का इस्तेमाल करें। आप देखेंगे कि बहुत जल्द आपकी इंग्लिश सुधरने लगेगी।

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